राजस्थान के प्रसिद्ध ब्रह्माणी माताजी मंदिर
सनातन धर्म में स्रष्टि के मूल स्वरूप विष्णुजी माने गए हैं और उनमें से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश उत्पन्न हुये। ब्रह्मा इस संसार के रचायिता, विष्णु पालनकर्ता और महेश संहारकर्ता हैं। इनकी अर्धागिनीओं को महादेवीयाँ कहा जाता है। ब्राह्मी, ब्राह्मणी या ब्रह्माणी सृष्टिकर्ता ब्रह्मा की शक्ति है। ब्रह्माणी की प्रतिमा में उनकी चार भुजाएं हैं। इनका वाहन हंस हैं।महा सरस्वती ब्रह्मा की शक्ति का स्रोत है, उनमें राजसी गुण का प्राधान्य है। भारद्वाज गोत्र के ब्राह्मण, कई क्षत्रिय वंश उन्हें अपनी कुलदेवी मानते हैं, जैसे कि सिसोदिया, डोडिया, चौहान, अन्य राजपूत कुल भी इन्हें कुलदेवी और इष्टदेव के रूप में पूजते हैं।